2023 में इंटरपोल सबसे ज्यादा जारी किए रेड नोटिस, CBI चीफ ने बताया अपराध से कैसे निपटेंगे

सीबीआई चीफ प्रवीण सूद ने बताया कि साल 2023 में देश के विभिन्न राज्यों में अपराध करके विदेश भाग जाने वाले वांछितों के खिलाफ भारत के अनुरोध पर इंटरपोल ने 100 रेड नोटिस जारी किए, जो की एक साल में अभी तक सबसे अधिक हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इंटरपोल रेड नोटिस गिरफ्तारी वारंट नहीं बल्कि दुनियाभर की तमाम प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध है कि वह प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए वांछित व्यक्ति का पता लगाएं और अस्थायी रूप से उन्हें गिरफ्तार करें जो भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांटेड हैं और भारत से विदेशों में भाग गए हैं।

cbi chief parvin sood

अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग की है जरूरत

सीबीआई डायरेक्टर सूद ने गुरुवार को यह बात सीबीआई द्वारा आयोजित 10वें इंटरपोल संपर्क अधिकारी (ILO) सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। जिसमें देश के तमाम राज्यों के लाइजन ऑफिसर और अन्य अधिकारी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध और संगठित अपराधों के खतरे से निपटने के लिए वास्तविक समय में अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अपराध और अपराधियों के अंतरराष्ट्रीय फैलाव ने विदेशों में जांच की आवश्यकता को बढ़ा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि “साइबर सक्षम वित्तीय अपराध, ऑनलाइन कट्टरता व अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध नेटवर्क सहित नए युग के अपराध सीमाओं तक सीमित नहीं हैं। आपस में तेजी से जुड़ती दुनिया में, अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है”।

अपराधों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर कोशिश करती है एजेंसी

इस अवसर पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध नेटवर्क, ऑनलाइन कट्टरपंथ, नशीली दवाओं के अवैध प्रसार, हथियारों की तस्करी, साइबर अपराध, ऑनलाइन बाल यौन शोषण, मानव तस्करी, वन्य जीव एवं पर्यावरण अपराध, आर्थिक अपराध, अपराध से प्राप्त धनराशि का शोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण आदि से उत्पन्न आसन्न खतरों के लिए वैश्विक स्तर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के मध्य घनिष्ठ समन्वय तथा वास्तविक समय में सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

‘भगोड़ों को न्याय के लिए कटघरे में लाना चाहिए’

उन्होंने कहा कि भारत सरकार हर दिन सहायता के 200-300 अनुरोधों पर गौर कर रहा है। उन्होंने कहा कि अपराधियों और भगोड़ों को अंतरराष्ट्रीय न्याय क्षेत्र में भिन्नता के कारण लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। इंटरपोल और इंटरनेशनल एजेंसियों की मदद से 2023 में 29 और 2024 में अब तक 19 वांटेड अपराधियों को भारत वापस लाया जा सका है। उन्होंने कहा कि सीबीआई के ‘ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर’ ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय सहायता के 17,368 अनुरोधों पर कार्रवाई की।

इस सम्मेलन में इंटरपोल चैनल, ग्लोब-ई नेटवर्क और जटिल अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच पर ध्यान केंद्रित किया गया। विशेषज्ञों की इस गोलमेज बैठक में बीकेए (जर्मनी), एफबीआई (अमेरिका), सीबीआई, राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी (जापान), राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (ब्रिटेन), पीडीआई (चिली) और नेपाल पुलिस के वक्ताओं ने भी भाग लिया।

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